अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: WhatsApp अपने लॉग इन ओटीपी को जल्द ही बदलने जा रहा है. नए बदलाव में यह और ज्यादा सुरक्षित होगा वहीं WhatsApp का मौजूदा लॉगिन ओटीपी मैसेज अतीत की बात हो जाएगी, या कहे ऑप्शनल होगा. WABetaInfo की ताजा रिपोर्ट तो यही कहती है जिसके अनुसार WhatsApp एक फ्लैश कॉल नाम से फीचर की टेस्टिंग कर रहा है जिसका उद्देश्य यूजर्स के WhatsApp लॉगिन की मौजूदा ऑथेंटिसिटी को बदलना है जिसमें वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का इस्तेमाल होता है.
फ्लैश कॉल में यह जरूरी होगा कि यूजर अपना WhatsApp एक्सेस दे उनके फोन डायलर से और कॉल लिस्ट में भी. हालांकि यह सुविधा वैकल्पिक होगी, लेकिन यह देखते हुए कि WhatsApp लॉगिन फ्लैश कॉल को अधिक सुरक्षित विकल्प के रूप में माना जा सकता है. लेकिन जैसा कि कहा गया सिर्फ कुछ यूजर्स ही इसका इस्तेमाल कर सकेंगे और वो यूजर्स है एंड्राइड के आईओएस यूजर्स फिलहाल इस ज्यादा सुरक्षित लॉगिन फीचर का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
फ्लैश कॉल फीचर के लिए यूजर्स को ऐप में परमिशन देनी होगी
WhatsApp फ्लैश कॉल फीचर के लिए यूजर्स को ऐप में परमिशन देनी होगी. एक बार परमिशन स्वीकृत हो जाती है तो फिर अपने आप WhatsApp सर्वर यूजर के फोन से कॉल करेगा और फिर अपने आप कट हो जाएगा. ऐसा करने से WhatsApp के पुराने तरीके जिसमें ओटीपी पासवर्ड को को मैन्यूअली अपडेट करना पड़ता था कि जरूरत खत्म हो जाएगी जब भी वे लॉगिन के लिए अटेंम्प करेंगे. जैसा कि पिछले कुछ
दिनों में यह सामने आया था कि कई स्कैमर्स पिछले कई समय से हैकिंग के प्रयास कर रहे थे. हाल ही के हैक में यह सामने आया था कि एक हैकर ने यूजर का ओटीपी एक्सेस करके उसकी सारी जानकारी चुरा ली थी.
व्हाट्सएप केवल कॉल लॉग और डायलर को एक बार एक्सेस करेगा
बीटा रिपोर्ट के मुताबिक इस फीचर पर अभी काम किया जा रहा है और WhatsApp यूजर्स को इसे पेश करने का सबसे अच्छा तरीका ढूंढ रहा है. फिलहाल बीटा अपडेट रिपोर्ट में सामने आई व्हाट्सएप ऑटोमैटिक वेरिफिकेशन कॉल स्क्रीन ऐप को बताती है कि उसे अनुमतियों की आवश्यकता क्यों है, सिंगल-लाइन प्रॉमिस के साथ कि व्हाट्सएप केवल कॉल लॉग और डायलर को एक बार एक्सेस करेगा, उसके बाद नहीं. स्क्रीन उपयोगकर्ताओं को कॉल प्रक्रिया के साथ सत्यापन की डिटेल करने वाले पेज से भी जोड़ेगी.
इसलिए iPhone यूजर्स नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल
हालांकि, भले ही यह फीचर Android के लिए डेब्यू करता हो, iOS उपयोगकर्ताओं को इस सुविधा तक पहुंच नहीं मिलेगी जिसकी वजह है Apple एक API की पेशकश नहीं करता है जो किसी भी ऐप को उपयोगकर्ता के डायलर और कॉल सूची तक एक्सेस प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि सभी iPhone यूजर्स WhatsApp में लॉग इन करने के लिए ओटीपी पर निर्भर रहेंगे. कॉलिंग सेवा को ऐप को स्कैमर से निपटने में मदद करनी चाहिए, क्योंकि यह सभी मैनुअल इनपुट को बायपास करती है और इसलिए अटैकर्स को यूजर्स के अकाउंट्स के जबरन अधिग्रहण का प्रयास करने का कोई रास्ता नहीं देती है.
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